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देव आनंद। एक सदाबहार अभिनेता। उम्र 85 वर्ष। आज भी नौजवानों जैसी चुस्ती-फुर्ती। अपने दोनों हाथ फैलाए आज भी दुनिया को अपनी बाँहों में समेट लेने की बेचैनी। देव आनंद को परदे पर देखते हुए दर्शकों की तीन पीढि़याँ गुजर चुकी हैं। इसके बावजूद उनके प्रति आकर्षण कम नहीं हुआ है।
इसका सबसे बड़ा कारण है कि देव आनंद ने सदैव नौजवान दर्शकों के दिलों पर राज किया है। उनकी फिल्मों के कथानक प्रेम-प्यार-इश्क-मोहब्बत के इर्दगिर्द घूमते रहे हैं। परदे पर देव साहब के आते ही उनकी बॉडी लैंग्वेज का सम्मोहन शुरू हो जाता है। कभी अपने कंधे उचकाकर। कभी अपने बालों की लट चेहरे पर लाकर। कभी गले में मफलर लटकाकर। कभी अपनी कमीज के कॉलर खड़े कर। कभी दोनों हाथों से चेहरा छिपाकर और पलटकर गाना गाने का निराला अंदाज देव साहब की विशेषता रही है। उन्होंने कई नई तारिकाओं के साथ काम किया। हीरोइन की उम्र बढ़ती गई, लेकिन देव साहब की उम्र फिल्म-दर-फिल्म घटती गई।
चुप-चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
इसका सबसे बड़ा कारण है कि देव आनंद ने सदैव नौजवान दर्शकों के दिलों पर राज किया है। उनकी फिल्मों के कथानक प्रेम-प्यार-इश्क-मोहब्बत के इर्दगिर्द घूमते रहे हैं। परदे पर देव साहब के आते ही उनकी बॉडी लैंग्वेज का सम्मोहन शुरू हो जाता है। कभी अपने कंधे उचकाकर। कभी अपने बालों की लट चेहरे पर लाकर। कभी गले में मफलर लटकाकर। कभी अपनी कमीज के कॉलर खड़े कर। कभी दोनों हाथों से चेहरा छिपाकर और पलटकर गाना गाने का निराला अंदाज देव साहब की विशेषता रही है। उन्होंने कई नई तारिकाओं के साथ काम किया। हीरोइन की उम्र बढ़ती गई, लेकिन देव साहब की उम्र फिल्म-दर-फिल्म घटती गई।
चुप-चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
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सबसे पहले सुरैया के प्यार में गिरफ्तार देव साहब के रोमांस के किस्से बम्बई की मैरिन ड्राइव पर कृष्णा महल के सामने गूँजे। अपनी आवाज और तस्वीरों के जरिये देश की हर होटल और पान दुकानों पर सुरैया के चाहने वालों की भीड़ जुटा करती थी। देव साहब हर कीमत पर सुरैया को हासिल करना चाहते थे, लेकिन भारत-पाक विभाजन और हिन्दू-मुस्लिम होने की दीवारों ने दोनों प्रेमियों को कभी एक नहीं होने दिया। फिल्मी कहानियों की नकली दीवारें उनकी असली जिन्दगी में सामने आकर खड़ी हो गईं। देव साहब ने फिल्म ‘टैक्सी ड्रायवर’ के सेट पर अपनी नायिका कल्पना कार्तिक से बगैर किसी को पहले से सूचना दिए दस मिनट में शादी रचा ली। इस तरह सुरैया के प्यार का चेप्टर हमेशा के लिए बंद हो गया। सुरैया ने अपने प्यार को ताउम्र जिन्दा रखा और कभी शादी नहीं की।
हम हैं राही प्यार के
देव आनंद को नई-नई नायिकाओं के साथ परदे पर रोमांस करने, शरारत करने और प्यारभरे तराने नई कलाबाजियों के साथ गाने का बेहद शौक रहा है। चुलबुली तारिका गीताबाली के साथ उन्होंने बाजी, जाल, फरार और मिलाप में अपनी रोमांटिक इमेज को बरकारार रखा। उस दौर की सबसे सुंदर अभिनेत्री मधुबाला पर भी उन्होंने प्यार के डोरे डाले। निराला, नादान, जाली नोट और अरमान फिल्मों में इस जोड़ी को सराहा गया। कल्पना कार्तिक चार फिल्मों नौ दो ग्यारह, हमसफर, टैक्सी ड्रायवर और मकान नंबर 44 में उनके साथ आईं। उसके बाद तो देव साहब के पाली हिल घर में उम्रभर के लिए वे कैद हो गईं।
जीने की तमन्ना और मरने का इरादा
हम हैं राही प्यार के
देव आनंद को नई-नई नायिकाओं के साथ परदे पर रोमांस करने, शरारत करने और प्यारभरे तराने नई कलाबाजियों के साथ गाने का बेहद शौक रहा है। चुलबुली तारिका गीताबाली के साथ उन्होंने बाजी, जाल, फरार और मिलाप में अपनी रोमांटिक इमेज को बरकारार रखा। उस दौर की सबसे सुंदर अभिनेत्री मधुबाला पर भी उन्होंने प्यार के डोरे डाले। निराला, नादान, जाली नोट और अरमान फिल्मों में इस जोड़ी को सराहा गया। कल्पना कार्तिक चार फिल्मों नौ दो ग्यारह, हमसफर, टैक्सी ड्रायवर और मकान नंबर 44 में उनके साथ आईं। उसके बाद तो देव साहब के पाली हिल घर में उम्रभर के लिए वे कैद हो गईं।
जीने की तमन्ना और मरने का इरादा
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इसके बाद देव साहब की चहेती नायिका बनीं वहीदा रहमान। फिल्म ‘सोलहवाँ साल’ से शुरू हुआ इस जोड़ी का सफर ‘है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आएगा’- गुनगुनाता हुआ आगे बढ़ा। काला बाजार, रूप की रानी चोरों का राजा, बात एक रात की और गाइड फिल्म पर जाकर वह ठहरा। ‘गाइड’ फिल्म का कथानक अपने समय से काफी आगे होने के बावजूद निर्देशक विजय आनंद ने इसके गीत इतनी खूबसूरती से फिल्माए थे कि आज भी जवाँ दिलों को गुदागुदा देते हैं। गुरुदत्त की मौत से देव को बहुत सदमा लगा और वहीदा से वे दूर होते चले गए।
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